लेखिका मधु धामा को ‘दिल्ली की शान’ पुरस्कार से किया गया सम्मानित
नई दिल्ली, 22 मई। लेखिका एवं समाज सेविका मधु धामा को रविवार को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘दिल्ली की शान’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने यह सम्मान प्रदान किया। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि जो व्यक्ति सदियों पहले हिन्दू धर्म छोड़कर अन्य मतों में चले गए हैं, उन्हें वापस आर्य धर्म में लाना देश की एकता के लिए जरूरी है।
साप्ताहिक राष्ट्रीय पत्रिका ‘पाञ्चजन्य’ और ‘ऑर्गनाइजर’ की मूल कंपनी ‘भारत प्रकाशन’ (दिल्ली) लिमिटेड द्वारा अपनी यात्रा के 75 वर्ष पूरे करने के अवसर पर यह कार्यक्रम दिल्ली में चाणक्यपुरी के डिप्लोमैटिक एंक्लेव स्थित द अशोक होटल में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में सात राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा एवं गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राष्ट्रीय परिदृश्य में अपने-अपने विचार प्रकट किए।
इससे पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को मधु धामा ने अपनी मुस्लिम विदुषियों की घर वापसी पुस्तक भेंट की। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह एवं गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मधु धामा के लेखन की सराहना की। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि जो व्यक्ति सदियों पहले हिन्दू धर्म छोड़कर अन्य मतों में चले गए हैं, उन्हें वापस आर्य धर्म में लाना देश की एकता के लिए जरूरी है। 5 सितंबर, 1980 को हैदराबाद में जन्मी मधु धामा की ससुराल खेकड़ा उत्तर प्रदेश में है। मधु धामा की पुस्तकें हिन्द पॉकेट बुक्स, पेंगुइन एवं सागर प्रकाशन से प्रकाशित हुई हैं।