महिलाओं के अनोखे दंगल में भिड़ी घूंघट वाली महिलाएं
– अंग्रेजों के जमाने से जारी परम्परा में महिलाओं के अनोखे दंगल की मची धूम
– बुजुर्ग महिलाओं ने भी अखाड़े में दिखाए दांवपेंच, सरपंच ने किया पुरस्कृत
हमीरपुर, 12 अगस्त। लोदीपुर निवादा गांव में सैकड़ों साल से पुरानी परम्परा को महिलाएं आज भी पूरी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ निभा रही हैं। गांव में सिर्फ महिलाओं का दंगल होता है जिसमें पुरुषों के शामिल होने पर पूरी तरह प्रतिबन्ध रहता है। इस अजब-गजब के दंगल में घूंघट वाली महिलाएं दांवपेंच दिखाती हैं।
बुजुर्ग महिलाएं भी अखाड़े में पूरे उत्साह के साथ कुश्ती लड़ती हुई एक दूसरे को अखाड़े में उठा-उठाकर पटकती है। रक्षाबंधन पर्व के अगले दिन सैकड़ों वर्ष पुरानी प्रथा को आगे बढ़ाते हुये महिलाओं का अनोखा दंगल होता है। दंगल का शुभारंभ ग्राम प्रधान ने किया।
मुस्करा विकास खण्ड क्षेत्र के अधिकांश गांवों में आज सुंदर परिधानों में व सिर में कजली का खप्पर लिए महिलाओं ने गांव की परिक्रमा करते हुए कजली का विसर्जन किया गया। जगह-जगह पर बुंदेली लोक संस्कृति के कार्यक्रमों का आयोजन भी हुए। कहीं झूलों में झूलती महिलाएं कहीं आल्हा गायन तो कहीं दंगल के आयोजनों ने लोगो का भरपूर मनोरंजन किया। युवा व बुजुर्ग महिला पहलवानों ने मुगदर भांजे व अपने शारीरिक शौष्ठव का प्रदर्शन किया।
वही, क्षेत्र के लोदीपुर निवादा गांव में अंग्रेजों के जमाने से लगातार लगता चला आ रहा महिलाओं के दंगल का आयोजन। वही गांव निवासी रामधनी कुशवाहा ने बताया कि हमारे पिता जी बताया करते थे कि ब्रिटिश हुकूमत में उनकी फौजों ने यहां के लोगों पर बड़ा अत्याचार किया। यह अंग्रेजी फौज के जुल्म से गांव के लोग परेशान थे पुरुष अपने घरों में नहीं राह पाते थे, तभी महिलाओं ने अपनी हिफाजत के लिए कुश्ती के दावपेंच सीखे थे।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पति व रिटायर्ड बैंक मैनेजर नाथूराम ने बताया कि हमारे बुजुर्गों ने इस दंगल के बारे में प्रचलित कहानी बताते हुए जानकारी दी थी कि अंग्रेजों के अत्याचार से गांव के पुरुष अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग जाते थे, तो अंग्रेजों से उनका सामना करने व आत्मरक्षा के लिए ही उस समय की महिलाओं ने सारे दावपेंच सीख लिए थे तभी से गांव की महिलाओं ने इस प्रथा की शुरुआत गांव के पुराने बाजार मैदान से की थी। इस दंगल में महिलाओं ने जमकर अपने दावपेंच दिखाए।
दंगल की शुरुआत ग्राम प्रधान निवादा गिरजा देवी ने गणेश पूजन कर शुरुआत कराई। इसके बाद शुरू हुई कुश्ती में खुशबू ने गौरी बाई को हरा दिया। केशर व रानी भुर्जी की कुश्ती में केशर जीती, कुसुमा पाल ने अनुसूइया को पराजित कर दिया, निशा व विधा की बीच हुई कुश्ती में निशा विजय रही है। इसके अलावा तीन दर्जन से अधिक कुश्तियां खेली गई।
ग्राम प्रधान गिरजा देवी ने दंगल में भाग लेने वाली महिलाओं को पुरूस्कार देकर भी सम्मानित किया व मिठाई खिलाकर मुहं मीठा कराया। इस कार्यक्रम के आयोजन में गांव की मालती शुक्ला, ज्योति देवी, नेहा, बिनीता, उर्मिला आदि सहित कई बुजुर्ग महिलाओं का सराहनीय सहयोग रहा।