बिहार

विज्ञान प्रदर्शनी लगाकर मॉडर्न के विद्यार्थियों ने किया अपनी वैज्ञानिक मेधा का प्रदर्शन, विजेता पुरस्कृत

जयंती पर याद किए गए नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. सीवी रमन, बच्चों ने अर्पित की श्रद्धांजलि

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शित विज्ञान मॉडल को ₹5100, ₹4100, ₹3100 एवं ₹1100 का नकद पुरस्कार

नवादा, 7 नवम्बर। भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता एवं प्रकाश का क्वांटम नेचर इफेक्ट जिसे रमन इफेक्ट के रूप में भी जाना जाता है के खोजकर्ता सर चंद्रशेखर वेंकट रमन जी की जयंती के पावन अवसर पर मॉडर्न शैक्षणिक समूह, नवादा द्वारा संचालित विभिन्न सीबीएसई विद्यालयों मॉडर्न इंगलिश स्कूल, न्यू एरिया, मॉडर्न इंगलिश स्कूल, कुंतीनगर, मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल, हिसुआ एवं मॉडर्न इंगलिश स्कूल, बिहारशरीफ के द्वारा अपने अपने विद्यालय-प्रांगण में भव्य विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें नवम से बारहवीं कक्षा के सैकड़ों विद्यार्थियों ने अपनी वैज्ञानिक क्षमता का प्रदर्शन करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

प्रतियोगिता का विधिवत शुभारंभ मॉडर्न शैक्षणिक समूह के निदेशक डॉ अनुज कुमार एवं उप प्राचार्य सुजय कुमार, वरिष्ठ विज्ञान शिक्षक बीएन झा एवं मणिकांत मिश्रा के द्वारा दीप प्रज्वलित करके एवं डॉ. सीवी रमन के तैलचित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर विद्यार्थियों एवं उपस्थित दर्शकों को संबोधित करते हुए निदेशक महोदय ने सर्वश्रेष्ठ विज्ञान मॉडल को प्रथम पुरस्कार ₹5100, द्वितीय पुरस्कार ₹4100 तृतीय पुरस्कार ₹3100 एवं विशिष्ट पुरस्कार ₹1100 प्रदान करने की घोषणा करके बाल-वैज्ञानिकों का मनोबल बढाते हुए कहा कि यह विज्ञान प्रदर्शनी विज्ञान को व्यावहारिक जीवन से जोड़ने की दिशा में उठाया गया एक सकारात्मक कदम है।

मॉडर्न के विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष मणिकांत मिश्रा ने विज्ञान प्रदर्शनी के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि डॉ. सीवी रमन के जन्मदिन पर आयोजित यह प्रदर्शनी विद्यार्थियों की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि है। यह विज्ञान प्रदर्शनी विद्यार्थियों में वैज्ञानिक अभिरुचियों को जगाने एवं उसके व्यवहारिक प्रयोग के द्वारा शोधपरक अध्ययन की आदत विकसित करने में अत्यंत सहयोगी सिद्ध होगा। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को जीवन के परिपेक्ष्य में विज्ञान के सकारात्मक प्रयोग को बढ़ाने में भी सहयोगी होगा।

प्रदर्शनी में बच्चों ने फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं बायोलॉजी के अलावा कम्प्यूटर साइंस, आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस आदि महत्वपूर्ण विषयों पर भी अपनी प्रदर्शनी लगाई। बच्चों द्वारा बनाए गए मॉडल में प्रदर्शनी के मुख्य विषय ऊर्जा संरक्षण, कृषि एवं खाद्य संरक्षण, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण एवं आपदा प्रबंधन आदि रहे। प्रदर्शनी में एक से बढ़कर एक विज्ञान मॉडल प्रदर्शित करके सम्मिलित सभी विद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन किया। मॉडर्न इंग्लिश स्कूल, न्यू एरिया से दशम वर्ग के आस्था पराशर, वाटिका, पिनाकी पलक वर्मा एवं दीप्ति के द्वारा ग्लोबल वार्मिंग, उसके प्रभाव एवं बचाव के उपाय पर बनाए गए मॉडल को प्रथम पुरस्कार, दशम वर्ग के ही विवेक राज, राहुल वर्मा, तथागत एवं सौरभ के ग्रुप के द्वारा प्रदर्शित टेस्ला लाइट सिक्योरिटी सिस्टम को द्वितीय पुरस्कार एवं रौशनी मेहता, विष्णुप्रिया, साक्षी एवं श्रेया के द्वारा बनाए आर्टिफिशियल ह्यूमन डालिसिस सिस्टम को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। इनके अलावे 7 अन्य ग्रुप के भी प्रयासों को सराहा गया और प्रत्येक को ₹1100 प्रदान किए गए।

मॉडर्न इंग्लिश स्कूल, कुंती नगर में दशम वर्ग के आयुष एवं ग्रुप के पेट्रोलियम रिफाइनरी को प्रथम पुरस्कार, वर्ग नवम के प्रत्यूष एवं ग्रुप के द्वारा निर्मित सिंगल एक्सिस सोलर ट्रैकर को द्वितीय पुरस्कार तथा दशम वर्ग की अक्षरा एवं ग्रुप के मॉडल एलेक्टरोलायसिस ऑफ वाटर और प्लांट सेल को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इनके अलावे कुंतीनगर के चार अन्य ग्रुप को प्रत्येक को 1100 रुपये प्रदान किए गए। मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल, हिसुआ की प्रदर्शनी में वर्ग दशम के आशुतोष एवं ग्रुप के बनाए मॉडल इलेक्ट्रिसिटी जनरेशन फ्रॉम वेस्ट मैटेरियल को प्रथम पुरस्कार, वर्ग नवम के अनुपम एवं ग्रुप के मॉडल हाइड्रोलिक पावर ट्रैक को द्वितीय पुरस्कार तथा दसवीं कक्षा की निधि और काजल के बनाए वर्किंग मॉडल ऑफ हार्ट को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। मॉडर्न इंग्लिश स्कूल, बिहार शरीफ की टीम के द्वारा प्रदर्शित साइंस मॉडल्स की खूब सराहना हुई।

प्रदर्शनी के समापन के बाद सभी विजेता प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया गया। इस विज्ञान प्रदर्शनी के सफल संचालन में सभी विद्यालयों के विज्ञान शिक्षकगण मणिकांत मिश्रा, विनोदानंद झा, राजीव रंजन, अरुण कुमार, सरिता कुमारी, सायन मुखर्जी, अखिलेश्वर कुमार सिंह आदि सहित अन्य सभी विज्ञान शिक्षकों का योगदान अत्यंत सराहनीय रहा।

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