खून के रिश्तों से बंधे हैं बांग्लादेश और भारत: अंदालिब इलियास
कोलकाता, 16 दिसंबर। बांग्लादेश की आजादी की स्मृति में मनाये जाने वाले विजय दिवस के अवसर पर कोलकाता स्थित बांग्लादेशी उपउच्चायोग परिसर में तीन दिवसीय आयोजन गुरुवार को शुरू हो चुका है। शुक्रवार को इस मौके पर बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीब और आजादी की लड़ाई के अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई है। इस दौरान कोलकाता में बांग्लादेश के डिप्टी हाईकमीशन के अंदालिब इलियास उपस्थित थे।
इस मौके पर अंदालिब इलियास ने कहा कि बांग्लादेश और भारत खून के रिश्तों से बंधे हैं। उन्होंने 1971 के महान मुक्ति संग्राम में भारत के सहयोग को याद किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बंगबंधु की बेटी शेख हसीना और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच दोस्ती के सुनहरे अध्याय को मजबूत करने में मदद करेगा। बांग्लादेश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर अब्दुल मन्नान ने कहा कि अतीत, वर्तमान, भविष्य पर चर्चा में बांग्लादेश और भारत मैत्रीपूर्ण संबंधों की एक और मिसाल पेश कर रहे हैं।
बांग्लादेश की रवींद्र यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर मोहम्मद शाह आजम ने उम्मीद जताई कि भविष्य में दोनों देशों के बीच व्यावसायिक संबंधों का और विस्तार होगा। स्टेट्समैन के पूर्व संपादक मानस घोष ने वर्ष 1970 के दशक के अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि अगर बांग्लादेश में शेख हसीना सत्ता में हैं, तो भारत सीमा सुरक्षा के बारे में आश्वस्त हो सकता है। इस दौरान एनआरबी वर्ल्ड फ्रेंडशिप फोरम और बांग्लादेश सस्वर पाठ समन्वय परिषद ने दिलचस्प सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन द्वितीय सचिव (राजनीतिक) शेख मारेफत तारिकुल इस्लाम ने किया।