दीनदयाल के विचार ही दे सकते हैं दुनिया को सुख शांति : महेंद्र कुमार
–अनेकता में एकता के सूत्र को खोजना ही एकात्म मानववाद
–पूर्व संध्या पर मुक्त विवि में दीनदयाल उपाध्याय जयंती समारोह
प्रयागराज, 24 सितम्बर। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के तत्वावधान में शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि महेन्द्र कुमार ने कहा कि दुनिया को सुख एवं शांति का विचार एकात्म मानव दर्शन ही दे सकता है। भारत ही एक ऐसा देश है जो पूरी दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम् के भाव से देखता है।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के उच्च शिक्षा संघ वर्ग प्रमुख महेंद्र कुमार ने कहा कि आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। ऐसे में हमें आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के बाद औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर निकलना होगा। अगर हम औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर नहीं निकल पाए तो हम भारत को श्रेष्ठ भारत नहीं बना सकेंगे। उन्होंने कहा कि आज दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की प्रासंगिकता बढ़ती जा रही है। आज दुनिया का कोई भी देश हो वह भारत के साथ इसलिए सम्बंध रखना चाहता है क्योंकि हमारे यहां बहुत बड़ा बाजार है।
उन्होंने कहा कि परिवार और बाजार का भाव ही सुख शांति दे सकता है। इस विचार को और आगे बढ़ाना है। दुनिया के विकास का मॉडल भारत दे सकता है। आज पूरी दुनिया सुख शांति खोज रही है। परिवार व्यवस्था भारत से अच्छी और कोई नहीं चला सकता। उन्होंने कहा कि पारम्परिक जीवन ही दीनदयाल के विचारों में समाहित है। आज हमें फिर से भारतीय जीवन मूल्य की संकल्पना को साकार करना है। एक तरफ हमें टूटते हुए परिवारों को बचाना है और दूसरी तरफ लोगों की जो संवेदनाएं मर रही है, उसमें फिर से जान डालनी है। अनेकता में एकता के सूत्र को खोजना ही एकात्म मानववाद है। यही हमारे देश की विविधता है। उन्होंने कहा कि भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए हमें दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को लेकर आगे बढ़ना हो़ेगा।
अध्यक्षता करते हुए प्रबंधन अध्ययन विद्या शाखा के निदेशक प्रो. ओमजी गुप्ता ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय कुशाग्र बुद्धि के थे। उनका जीवन मानवीय मूल्य एवं संवेदना से ओतप्रोत था। आज हमें इस बात के लिए सजग रहना चाहिए कि मानवीय मूल्यों का ह्रास न हो। कहा कि दीनदयाल ने औद्योगिकीकरण को अपनाने की बात की थी। एकात्म मानववाद सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की बात करता है। राष्ट्र के प्रति उनका योगदान महत्वपूर्ण है।
इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के संयोजक प्रो.गिरिजा शंकर शुक्ल ने किया। इस अवसर पर शोध पीठ के ब्रोशर का विमोचन भी अतिथियों ने किया। समारोह का संचालन सहसंयोजक प्रो. सत्यपाल तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ संजय कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर निदेशक, शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित रहे।