अंतर्राष्ट्रीय

पाकिस्तानी अखबारों सेः बाजवा की संपत्तियों पर आईएसपीआर की सफाई को बनाया लीड खबर

नई दिल्ली, 28 नवंबर। पाकिस्तान से सोमवार को प्रकाशित अधिकांश समाचार पत्रों ने सेना अध्यक्ष जनरल कमर बाजवा की संपत्तियों के बारे में प्रसारित की जा रही खबरों पर आईएसपीआर के स्पष्टीकरण को प्रमुखता दी है।

इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार बाजवा की संपत्तियों के बारे में जो आंकड़े सामने पेश किए जा रहे हैं, वह गुमराह करने वाले हैं। सेनाध्यक्ष और उनकी पत्नी और परिवार के सभी सदस्यों की संपत्ति एफबीआर में घोषित है। कुछ लोगों ने उन्हें बदनाम करने के लिए परिवार की संपत्तियों को खानदान के अन्य लोगों की संपत्तियों से जोड़ दिया है। प्रत्येक शहरी की तरह आर्मी चीफ और उनके परिवार के सभी सदस्य कर अधिकारी के सामने अपनी संपत्तियों से संबंधित जवाबदेह हैं।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब और खैबरपख्तूनख्वा की राज्य सरकारों पर फिर से संकट के बादल गहराने की खबर भी अखबारों ने महत्व के साथ प्रकाशित की है। इन खबरों के अनुसार मुस्लिम लीग नवाज की तरफ से राज्य सरकारों को अपने कब्जे में लिए जाने की मुहिम तेज कर दी गई है। उधर, इमरान खान ने इशारा दिया है कि वह दोनों राज्यों की विधानसभाओं को तोड़ने का फैसला ले सकते हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर इमरान खान कहेंगे तो असेंबली को तोड़ने में एक मिनट भी नहीं लगाएंगे। अखबारों ने गृहमंत्री राना सनाउल्लाह का एक बयान छापा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि इमरान खान हुकूमत छोड़ें, उन्हें समझ आ जाएगा कि विपक्ष होता क्या है। इमरान ने जलसों में आई कम भीड़ को देखकर असेंबलियों से इस्तीफे का फैसला किया है। पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का बयान भी अखबारों में छपा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि गवर्नर शासन लगाना आसान नहीं है। समस्याओं से निकलने का एकमात्र हल चुनाव है।

अखबारों ने संभावित तेल समझौते पर बातचीत करने के लिए पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के आज रूस जाने की खबरें भी दी हैं। वित्त मंत्री ने इसकी जानकारी दी है। इसके अलावा अखबारों ने खबर दी है कि इमरान खान के लांग मार्च पर सरकार के 25 करोड़ 63 लाख रुपये खर्च हुए हैं। लांग मार्च के खत्म होने के ऐलान के बाद इस्लामाबाद की सड़कों से कंटेनर हटाने का काम शुरू हो गया है।

अखबारों में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बयान छपा है, जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका से संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। देश में आम चुनाव अगस्त 2023 के बाद ही कराए जाएंगे। अखबारों ने जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के जरिए चेयरमैन ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का पदभार संभाले जाने की खबरें भी दी हैं। ये सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफ आदि ने पहले पन्ने पर प्रकाशित की हैं।

रोजनामा खबरें ने गुजरात में मुसलमानों के खिलाफ होने वाले दंगों में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व के शामिल होने पर पाकिस्तान के जरिए चिंता व्यक्त करने की खबर दी है। पाकिस्तान ने इस पर उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच आयोग बनाने की मांग की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार यह बहुत ही अफसोसनाक है कि मानवता के खिलाफ अपराध में मुसलमानों को निशाना बनाया गया और बीजेपी ने यह राजनीतिक फायदे के लिए किया। गुजरात घटना के दो दशकों बाद बीजेपी एक बार फिर अपनी नफरत फैलाने वाली रणनीति का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है।

रोजनामा नवाएवक्त में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से सम्बंधित खबर छपी है। इसमें उन्होंने कहा है कि भारत सरकार कश्मीरियों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बहाल करे। उनका कहना है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर के साथ जो काम किया है, वह संविधान की अवमानना है। दूसरी तरफ हुर्रियत कांफ्रेंस ने एक बयान में कहा है कि जमात इस्लामी की संपत्तियों पर सरकार के जरिए कब्जा करना, वहां के हालात को खराब करने की सोची समझी साजिश है। इसकी हम निंदा करते हैं।

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