अंतर्राष्ट्रीय

 जयशंकर की खरी-खरी: अच्छे पड़ोसी बनने के चक्कर में आतंकवाद नहीं भूल सकते

निकोसिया, 31 दिसंबर। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पाकिस्तान व चीन को लेकर कड़े तेवर बरकरार हैं। साइप्रस की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे जय शंकर ने खुल कर चीन व पाकिस्तान को भारत के लिए चुनौती करार दिया और साफ कहा कि अच्छे पड़ोसी बनने के चक्कर में आतंकवाद को नहीं भूला जा सकता।

भारत और साइप्रस के बीच राजनयिक संबंधों के साठ साल पूरे होने पर जश्न का वातावरण है। इसी जश्न का हिस्सा बनने साइप्रस गए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत हर पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध चाहता है लेकिन अच्छे पड़ोसी संबंध रखने का मतलब यह नहीं कि भारत आतंकवाद के मुद्दे को भूल जाए या आतंकवाद को सही बताने लगे। इस मामले में भारत बहुत स्पष्ट है। उन्होंने स्वीकार किया कि भारत के लिए पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान बड़ी चुनौती रहे हैं। इसके बावजूद उन्होंने साफ कहा कि भारत किसी भी देश के साथ बातचीत के लिए आतंकवाद को हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं होने देगा।

प्रवासी भारतीयों से संवाद करते हुए जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों और प्रदर्शन से बहुत स्पष्ट हो गया है कि जब मूल मुद्दों की बात आती है तो कोई समझौता नहीं होता है। पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि कोई भी देश ऐसा नहीं है, जिसने आतंकवाद के कारण भारत को इतना नुकसान पहुंचाया हो। इस संबंध में भारत की स्थिति हमेशा स्पष्ट रही है और भारत ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया और न करेगा। बातचीत की मेज पर आने के लिए आतंकवाद की राह चलकर मजबूर नहीं किया जा सकता।

चीन के साथ सीमा संकट के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हैं, क्योंकि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास के लिए सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी सीमाओं पर हमारे सामने चुनौतियां हैं और कोविड-19 के दौर में ये चुनौतियां और तेज हो गईं। भाषण के दौरान जयशंकर ने यह भी कहा कि दुनिया भर में भारत से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि भारत को एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जाता है।

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