राष्ट्रीय

पत्रकार अरूप चटर्जी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, झारखंंड सरकार की याचिका खारिज

अधिकारियों ने कानून का पालन नहीं किया और पत्रकार को आधी रात घर से घसीटकर ले गएः सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 29 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के एक पत्रकार अरूप चटर्जी को झारखंड हाई कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने झारखंड सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपके अधिकारियों ने कानून का पालन नहीं किया और आधी रात को पत्रकार को घर से घसीटकर ले गए।

कोर्ट ने कहा कि आप आधी रात को बारह बजे पत्रकार के बेडरूम में घुसते हैं और उसे खींचकर ले जाते हैं। पत्रकारों के साथ ऐसा सलूक ठीक नहीं है। पत्रकार को गिरफ्तार करते समय अर्नेश कुमार के फैसले का पालन नहीं किया गया। अरूप चटर्जी को 16 और 17 जुलाई की दरम्यानी रात को गिरफ्तार किया गया था। अरूप चटर्जी की ओर से कहा गया कि धनबाद पुलिस उनके रांची स्थित घर पहुंची थी। इसके पहले अरूप चटर्जी को नोटिस भी जारी नहीं किया गया।

धनबाद पुलिस ने रांची पुलिस को इसकी खबर भी नहीं दी। गिरफ्तारी के बाद अरूप चटर्जी की पत्नी ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अरूप चटर्जी की पत्नी के मुताबिक भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली एक खबर के प्रसारण के बाद उन्हें प्रताड़ित करने के लिए ये कदम उठाया गया। हाई कोर्ट ने कहा था कि गिरफ्तारी वारंट जारी होने से पहले झारखंड पुलिस ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत कोई नोटिस जारी नहीं किया था। यहां तक कि गिरफ्तारी के बाद अरूप चटर्जी को उनके रिश्तेदारों से मिलने भी नहीं दिया गया।

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