हरियाणा

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के अंतर्गत जिला के 40 गांवों में किया जाएगा किसान सभाओं का आयोजन-उपायुक्त सिवाच

-प्रधानमंत्री 28 मई को गुजरात के कलोल में नवनिर्मित इफको नैनो यूरिया संयंत्र का करेंगे लोकार्पण

-किसान सभाओं में किया जाएगा कार्यक्रम का ऑनलाईन सीधा प्रसारण 

-सोनीपत की नई अनाज मण्डी में किया जाएगा किसान सभा का आयोजन

सोनीपत, 27 मई। उपायुक्त ललित सिवाच ने बताया कि 28 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात राज्य के कलोल में नवनिर्मित इफको नैनो यूरिया संयंत्र का लोकार्पण करेंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन डीडी किसान चैनल पर दोपहर 02 बजे से 04 बजे तक किया जाएगा।

उपायुक्त सिवाच ने बताया कि इफको द्वारा इस कार्यक्रम के अंतर्गत देश के सभी जिलों में किसान सभाओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें जिला के 40 गांव शामिल है। इन सभी 40 गांवों में किसान सभाओं का आयोजन किया जाएगा और किसानों को कृषि की उन्नत नकनीक के साथ-साथ नैनो यूरिया के प्रयोग तथा इसके फायदों के बारे में जागरूक किया जाएगा। 

इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कॉआपरेटिव लिमिटिड(इफको) के क्षेत्र प्रबंधक अशोक कुमार ने बताया कि भारत के करोड़ों किसानों के लिए विश्व के पहले नैनो यूरिया तरल की सौगात दी दै। उन्होंने बताया कि आधा लीटर ( 500 मि.ली) नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत 240/- रूपए निर्धारित की गई है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग के मूल्य से 10 प्रतिशत कम है। जिला में किसानों को नैनो यूरिया के बारे में जागरूक करने के लिए गांवों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि किसान नैनो यूरिया का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें।  

इफको के क्षेत्र प्रबंधक ने कहा कि  इफको का यह नया उत्पाद किसानों के लिए बहुत बड़ी सौगात है। इससे भारत भी यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। नैनो यूरिया तरल (नैनो लिक्विड यूरिया) को पौधों के पोषण के लिए प्रभावी व असरदार पाया गया है। इसके प्रयोग से फसलों की पैदावार बढ़ती है तथा पोषक तत्वों की गुणवत्ता में सुधार होता है। नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन व टिकाऊ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा। 

  उन्होंने कहा कि यूरिया तरल के प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होंगे और मिट्टी में यूरिया के अधिक प्रयोग में कमी आएगी। यूरिया के अधिक प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषित होता है। मृदा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। पौधों में बीमारी और कीट का खतरा अधिक बढ़ जाता है। फसल देर से पकती है और उत्पादन कम होता है। साथ ही फसल की गुणवत्ता में भी कमी आती है। नैनो यूरिया तरल फसलों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है तथा फसलों को गिरने से बचाता है ।

इन गांवों में आयोजित की जाएगी किसान सभाएं

उपायुक्त ने बताया कि नई अनाज मण्डी में इस कार्यक्रम के अंतर्गत किसान सभा का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा गोहाना स्थित किसान सेवा केन्द्र, गांव चिरसमी, शाहपुर तगा, दतोली, ईशापूर खेडी, बुटाना, बरोदा, रिढाना, कथूरा, मदीना, धनाना, खंदराई, महमूदपूर, गन्नौर, उमेदगढ, भिगान, असदपुर, नान्दनौर, चटिया ओलिया, नक लोई, फरमाना, मटिण्डू, छिनोली, खरखौदा, झिंझोली, नकलोई, भंैसवाल, बैंयापूर, तिहाड खुर्द, भटगांव, जाजल, भंैसवान, झरोठी, पुरखास आदि गांवों में किसान सभाओं का आयोजन किया जाएगा।

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