निजी नलकूप का मीटर लगाने से बिजली बिल पर नहीं पड़ेगा असर : एके शर्मा
– ऊर्जा मंत्री ने कहा, कुछ लोग फैला रहे भ्रम, बिजली बिल पुराने हिसाब से ही देना होगा
लखनऊ, 30 अगस्त। किसानों के यहां निजी नलकूप में मीटर लगाने का उद्देश्य बिजली खपत की माप करना है, न कि बिलिंग करना है। किसानों को बिजली बिल अपने निजी नलकूप के लोड, हॉर्स पावर के सापेक्ष तथा पुरानी व्यवस्था के आधार पर ही देना है। किसानों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है कि अब मीटर के आधार पर उन्हें बिल देना पड़ेगा, जो कि गलत है। ये बातें प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कही।
वे पॉवर कारपोरेशन एवं ऊर्जा निगमों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों के यहां मीटर इसलिए लगाए जा रहे हैं, जिससे कि ऊर्जा खपत का पता चल सके। उद्योगों में, कृषि क्षेत्र में, वाणिज्यिक क्षेत्र में कितनी ऊर्जा खपत हो रही है। इसके लिए मीटर सब जगह लगाए जा रहे हैं। साथ ही प्रदेश में कितना लाइन लॉस और कितना टेक्निकल लॉस हो रहा है। इसकी जानकारी के लिए भी मीटर लगाए जा रहे हैं। किसानों की बिलिंग से इसका कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि बरसात की कमी से किसानों की फसलों को नुकसान से बचाने के लिए तथा उन्हें सिंचाई की पर्याप्त सुविधा मिले, इसके लिए उन्हें विद्युत् की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। ख़ासतौर पर ऐसे जिलों में जहां पर नलकूप आधारित सिंचाई पर निर्भरता ज्यादा हो, उन जिलों में विद्युत की आपूर्ति में विशेष ध्यान दिया जाए।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने शक्ति भवन में बिजली आपूर्ति, लाइन लॉस, निजी नलकूप कनेक्शन, बिलिंग, राजस्व वसूली, विद्युत् चोरी आदि की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी डिस्कॉम के एमडी को एक सप्ताह के भीतर किसानों के निजी नलकूप के कनेक्शन में आ रही समस्या को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने निजी नलकूप कनेक्शन के लिए धनराशि जमा कर दी है। प्राथमिकता के आधार पर तत्काल उन्हें कनेक्शन देकर उनके नलकूपों को ऊर्जित किया जाए।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के बिलों में गड़बड़ी न हो, इसके प्रयास किए जाय। सही बिल बनाया जाए, जिससे बार-बार बिल सुधार की नौबत न आए। उन्होंने डीजी विजिलेंस को बड़ी विद्युत चोरी रोकने के लिए निरन्तर रेड डालने के निर्देश दिए। खासतौर पर बड़ी विद्युत चोरियों व बड़े बकायेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
ऊर्जा मंत्री ने ट्रांसफॉर्मर के जलने की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इसमें शीघ्र कमी लाई जाए। ट्रांसफॉर्मर का निरन्तर लोड और ऑयल चेक किया जाय। डायरेक्ट तकनीक ने बताया कि प्रदेश भर में प्रतिदिन 1100 से 1200 ट्रांसफॉर्मर जल रहे और इतने ही रिपेयर भी हो रहे है। उन्होंने कहा की सभी अधिकारी व कर्मचारी अपनी कार्यशैली में सुधार लाकर लोगों के प्रति अच्छा व्यवहार करें। विभाग में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार और बेईमानी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस दौरान पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम0 देवराज, डी0जी0 विजलेंस एस0एन0 सावत, प्रबंध निदेशक उत्पादन एवं पारेषण पी0 गुरु प्रसाद, प्रबंध निदेशक पावर कारपोरेशन पंकज कुमार के साथ सभी डिस्काम के प्रबन्ध निदेशक उपस्थिति थे।