हरियाणा सरकार से खपा, आंगनवाड़ी वर्करों ने पुलिस अधीक्षक आवास पर किया प्रदर्शन
पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर,लोक तंत्र बचाने की मांग की
8 मार्च अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर देश भर में मनाया जाएगा विरोध दिवस
सोनीपत, आंगनवाड़ी वर्करों की संयुक्त तालमेल कमेटी के आह्वान पर आंगनवाड़ी वर्करों ने पुलिस अधीक्षक आवास सोनीपत पर किया जोरदार प्रदर्शन। प्रदर्शनकारी आंगनवाड़ी वर्कर्स सुबह 11 बजे पंचायत भवन सोनीपत में इकट्ठा हुई। पंचायत भवन में एक सभा का आयोजन किया गया। पंचायत भवन से गोहाना रोड, छोटू राम चौक, पुलिस लाइन से होते हुए मिनी सचिवालय के गेट पर आंगनवाड़ी वर्करों का सैलाब अपनी मांगों के समर्थन में और हरियाणा सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ गगनभेदी नारे लगाते हुए पहुंचे। प्रदर्शनकारी वर्करों का नेतृत्व गीता नागर, शीला, उषा रानी, सोना देवी, सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा, एआईयूटीयूसी के राज्य उपाध्यक्ष ईश्वर राठी कर रहे थे।
प्रदर्शनकारियों को गीता नागर, शीला देवी, उषा रानी, सोना देवी, आनंद शर्मा, ईश्वर राठी ,किसान नेता श्रद्धानंद सोलंकी, ब्रहम सिंह दहिया, ईश्वर सिंह दहिया, मास्टर बलबीर सिंह, जनवादी महिला समिति की प्रधान लक्ष्मी छिल्लर, आशा वर्करों की नेता मीना शर्मा, अनीता,रिटायर्ड हैडमास्टर नफे सिंह, मलिक,कविता,शर्मिला, कविता जाजल, शकुंतला आदि ने भी संबोधित करते हुए आह्वान किया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 8 मार्च को पूरे देश में विरोध दिवस मनाया जाएगा। जिसमें देश के स्तर पर करोड़ों, राज्य के स्तर पर लाखों और जिला के स्तर पर हजारों वर्कर्स आशा, मिड डे मील, आंगनवाडी, क्रैच वर्कर्स, महिला सफाई कर्मचारी, औद्योगिक मजदूर, यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, टीचर्स ,स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत तमाम कच्चे व पक्के महिला कर्मचारी 8 मार्च को काले कपड़े पहन कर देश भर की सड़कों पर उतरेंगे और लोकतंत्र की हत्या करने वाली सरकारों का जनाजा निकालेंगे।
गांव गांव में सरकार का जनाजा लेकर प्रदर्शन किए जाएंगे और तमाम ट्रेड यूनियनों, कर्मचारी संगठन, किसान संगठन, खेत मजदूरों के संगठनों, महिला, नौजवान, छात्रों के संगठनों को जोड़कर बड़ी महापंचायत हरियाणा में की जाएगी और हरियाणा सरकार को आईना दिखाया जाएगा। तब तक आंदोलन जारी रहेगा, जब तक प्रधानमंत्री की घोषणा, मुख्यमंत्री का किया समझौता लागू नहीं हो जाता और आंगनवाड़ी वर्कर, आशा, मिड डे मील, क्रैच वर्करों की मांगों पर बनी सहमति को लागू नहीं करते और न्यूनतम वेतन कम से कम ₹24000 घोषित करने की मांग लागू होने तक आंदोलन जारी रहेगा।