जीवीएम में टी-शर्ट पेंटिंग में बीएससी बायोटैक प्रथम वर्ष की आंचल रही अव्वल
रंगोली स्पर्धा में बीएससी नॉन मेडिकल की छात्रा चारू व सुमन ने बाजी मारी
जीवीएम के बायोटैक विभाग ने वल्र्ड इंटलैक्चुअल प्रोपर्टी-डे के उपलक्ष्य में किया आयोजन
सोनीपत
वल्र्ड इंटलैक्चुअल प्रोपर्टी-डे के उपलक्ष्य में जीवीएम गल्र्ज कालेज में बायोटैक्रॉलोजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित टी-शर्ट पेंटिंग में बीएससी बायोटैक प्रथम वर्ष की छात्रा आंचल अव्वल रही तो रंगोली स्पर्धा में बीएससी नॉन मेडिकल अंतिम वर्ष की छात्रा चारू व सुमन ने बाजी मारी। संस्था के प्रधान डा. ओपी परूथी व प्राचार्या डा. रेनू भाटिया ने विजेताओं को बधाई देते हुए इंटलैक्चुअल प्रोपर्टी के महत्व से अवगत करवाया।
जीवीएम के बायोटैक्रॉलोजी विभाग की अध्यक्ष डा. सचिन नरवाल ने बताया कि इंटलैक्चुअल प्रोपर्टी सैल के विशेष सहयोग से यह आयोजन करवाया गया, जिसका उद्देश्य छात्राओं को इंटलैक्चुअल प्रोपर्टी (आईपीआर) की विस्तृत जानकारी देना था।
इस दौरान आयोजित टी-शर्ट पेंटिंग स्पर्धा में आंचल ने प्रथम व बीएससी बायोटैक द्वितीय वर्ष की छात्रा यश्वि व किरण ने संयुक्त रूप से द्वितीय तथा बीएससी बायोटैक तृतीय वर्ष की छात्रा दीक्षा व महक ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान हासिल किया। बीएससी बायोटैक प्रथम वर्ष की छात्रा प्रीति को सांत्वना पुरस्कार से नवाजा गया।
रंगोली सजाओ प्रतियोगिता में चारू व सुमन ने संयुक्त रूप से प्रथम तथा बीएससी बायोटैक अंतिम वर्ष की छात्रा साक्षी, मेघा व नेहा ने संयुक्त रूप से द्वितीय और बीकॉम अंतिम वर्ष की रितिका, शिक्षा व आकांक्षा ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया। रंगोली मेंं बीएससी नॉन मेडिकल तृतीय वर्ष की छात्रा एकता व तनुजा और बीएससी बायोटैक तृतीय वर्ष की अंजलि व अनन्या को सांत्वना पुरस्कारों से सुशोभित किया गया।
इस मौके पर प्राचार्या डा. रेनू भाटिया ने छात्राओं का उत्साहवद्र्घन करते हुए कहा कि आईपीआर अर्थात बौद्घिक संपदा अधिकार मानव मस्तिष्क के विचारों से उत्पन्न एक उपज है। इसमें अपने-अपने अलग कानून बनानकर अपने अधिकारों को सुरक्षित कर सकते हैं। विभागाध्यक्ष डा. सचिन नरवाल ने बताया कि यह विषय युवा को और उनके नये विचारों-रचनाओं को संरक्षण प्रदान करता है। प्रतियोगिता के सफल आयोजन में आईपीआर कमेटी की सदस्य प्राध्यापिकाओं डा. संगीता, डा. सोनिया, चारू सूद, डा. सर्वजीत, डा. सचिन तथा बायोटैक विभाग की प्राध्यापिकाओं ने कुसुम, सविता और वर्षा ने प्रमुख भूमिका निभाई। प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागी छात्राओं ने अपने रंग-बिरंगे रंगों से आईपीआर को प्रदर्शित किया।