अंतर्राष्ट्रीय

जी-20 में मोदी: सुनक से हुई पहली मुलाकात, बाइडन भी मिलने पहुंचे

बाली, 15 नवंबर। इंडोनेशिया के बाली में जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे हैं। इस दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से उनकी पहली मुलाकात हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन खुद चलकर भारतीय प्रधानमंत्री से मिलने उनके पास पहुंचे।

दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन मंगलवार को शुरू हो गया। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और भारत के प्रधानमंत्री मोदी समेत दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के नेता शामिल हो रहे हैं। इस दौरान मोदी और सुनक के बीच पहली मुलाकात हुई। भारत के प्रधानमंत्री और भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री के बीच इस मुलाकात को लेकर दोनों देशों में खासी उत्कंठा थी। भारतीय प्रौद्योगिकी उद्यमी नारायणमूर्ति के दामाद ऋषि सुनक हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने हैं। मोदी और सुनक के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। इस दौरान सुनक ने कहा कि दुनिया के विकास के लिए भारत जरूरी है। वहीं मोदी ने कहा कि भारत अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करता रहेगा।

जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का जलवा साफ दिख रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन खुद चल कर मोदी से मिलने उनके पास पहुंचे। दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गर्मजोशी से गले लगाया। मोदी व बाइडन को काफी देर तक एक दूसरे से बात करते देखा गया। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने मोदी के होटल जाकर उनका स्वागत किया। इंडोनेशिया इस समय जी-20 समूह का अध्यक्ष है और अब भारत के हाथ में अध्यक्षता की कमान आने वाली है। सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट के साथ भी बातचीत हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने इस बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन को वैश्विक नेताओं के लिए विविध मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान करने का अद्भुत अवसर करार दिया। भारतीय प्रधानमंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से भी बातचीत की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया। मैक्रों अगले वर्ष की शुरुआत में भारत यात्रा पर आ रहे हैं।

मिलकर निकालें युद्ध रोकने का रास्ता

प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान खाद्य ऊर्जा सुरक्षा सत्र में भाग लिया। इस सत्र में उन्होंने कहा कि कोरोना और यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। इसके परिणाम स्वरूप पूरी दुनिया परेशान है। संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्थाएं भी इन मसलों का समाधान करने में सफल नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में हम सभी को मिलकर यूक्रेन युद्ध रोकने का रास्ता निकालना होगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना जरूरी है। पिछली शताब्दी में विश्व युद्ध के कहर के दौरान तत्कालीन नेताओं ने शांति का रास्ता अंगीकार करने का गंभीर प्रयास किया था। अब आज के नेताओं की बारी है।

भारत की ऊर्जा सुरक्षा महत्वपूर्ण

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा महत्वपूर्ण है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि 2030 तक हमारी आधी बिजली अक्षय स्रोतों से पैदा होगी। भारत में स्थायी खाद्य सुरक्षा के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। बाजरा जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्नों को फिर से लोकप्रिय बनाने की शुरुआत हुई है। बाजरा वैश्विक कुपोषण और भूख को भी दूर कर सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker