…जिंदा हूं मैं: अधिकारियों ने जिन्हें मुर्दा बताकर बंद की पेंशन, वे पहुंचे सीएम हाउस
हरियाणा के बुजुर्गों का चंडीगढ़ में हंगामा, सड़कों पर उतरे बुजुर्ग व विकलांग
प्रशासन ने थाने में लगाया दरबार, पुलिस थाने में हुआ दस्तावेजों का सत्यापन
चंडीगढ़, 16 सितंबर। हरियाणा सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों ने जिन बुजुर्गों को मृत बताकर उनकी पेंशन बंद कर दी थी वे शुक्रवार को चंडीगढ़ पहुंच गए। आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं 102 वर्षीय दुलीचंद के नेतृत्व में चंडीगढ़ पहुंचे बुजुर्गों ने मीडिया के समक्ष अपना दुखड़ा रोने के बाद जैसे ही सीएम आवास की तरफ कूच किया तो पुलिस व प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए।
हरियाणा सरकार द्वारा बुजर्गों की पेंशन को परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़ने के बाद प्रदेश में हजारों बजुर्गों की पेंशन बंद हो गई है। इनमें से बहुत से ऐसे हैं जिन्हें सरकारी रिकॉर्ड में मुर्दा बताया गया है लेकिन वे कई दिनों से जिंदा घूमकर अपनी पेंशन दोबारा शुरू करवाने की गुहार लगा रहे हैं। विभाग ने इन बुजुर्गों को मृत, विधवाओं के पति को जिंदा और दिव्यांग जनों को फिट बताकर पेंशन बंद कर दी है।
पेंशन कटने पर रोहतक में बैंड-बाजे के साथ बारात निकालने वाले दादा दूलीचंद शुक्रवार को 50 बुजुर्गों के साथ चंडीगढ़ पहुंचे। आम आदमी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नवीन जयहिंद के साथ बस में सवार बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों ने पहले पत्रकारों के सामने अधिकारियों की कार्यप्रणाली की पोल खोली। बुजुर्ग किशन, बिमला, रानी व कैलाशो ने आरोप लगाया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा जिंदा लोगों को मुर्दा बताकर पेंशन काटी जा रही है।
किसी महिला का पति होने के बावजूद उसे विधवा बना दिया और विधवा के मृत पति को जिंदा दिखाने का कारनामा विभाग कर रहा है। यही नहीं भ्रष्टाचार के कारण कुछ मुर्दों को जिंदा बता रखा है और उनके नाम से पेंशन खाई जा रही है। दिव्यांगों की पेंशन काट दी गई है, कई जिलों में संपन्न व्यक्ति को विकलांग बताया जा रहा है। जिनका रोजगार नहीं है, उन्हें सरकारी कर्मचारी बता दिया गया है, कइयों का पूरा परिवार होने के बावजूद भी उन्हें लावारिस बना दिया गया है।
नवीन जयहिंद ने बताया कि सोनीपत के छिछड़ाना गांव में 70 जीवित बुजुर्गों को मृत दिखाकर पेंशन बंद कर दी गई है। पेंशन बहाली के लिए वह धक्के खा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार इन मुर्दा घोषित जिंदा बुजर्गों की पेंशन तुरंत बहाल करे, अन्यथा हर रोज दादा दुलीचंद की तरह ऐसी ही बारात निकाली जाएगी।
इसके बाद सभी बुजुर्गों ने मुख्यमंत्री आवास पर दस्तक दी। सीएम आवास पर पहुंचने से पहले चंडीगढ़ पुलिस ने बुजुर्गों को रोक लिया। मगर बुजुर्ग सीएम आवास पर जाने की जिद पर अड़े रहे। इस दौरान नवीन जयहिंद की चंडीगढ़ पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद सीएम आवास से मैसेज आया और नवीन जयहिंद के साथ दादा दुलीचंद और वृद्ध महिला चमेली देवी सीएम आवास गए।
इस बीच चंडीगढ़ पुलिस अन्य बुजुर्गों को सेक्टर तीन के पुलिस थाने में ले गई। सीएम हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक करके दुलीचंद व अन्य जैसे ही सेक्टर-तीन थाने में पहुंचे तो कुछ ही पलों में अधिकारी अपना रिकार्ड लेकर पुलिस थाने में पहुंच गए। मौके पर ही सभी बुजुर्गों के पहचान पत्रों को सत्यापित करने का काम शुरू किया गया। देर रात तक अधिकारी पुलिस थाने में बैठकर हरियाणा भर से आए हुए बुजुर्गों की पेंशन में खामियों को दूर करने में लगे हुए थे।