सेना को 18 हजार फीट ऊंचाई पर तैनात करने के लिए मिलेंगे 570 लॉजिस्टिक ड्रोन
नई दिल्ली, 17 दिसंबर। भारतीय सेना 12 हजार फीट तक और 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात करने के लिए दो तरह के 570 लॉजिस्टिक ड्रोन खरीदेगी। 12 हजार फीट तक की मानक स्थितियों की तैनाती के लिए लॉजिस्टिक ड्रोन (एस) और 18 हजार फीट के बीच तैनाती के लिए लॉजिस्टिक ड्रोन (हाई एल्टीट्यूड) होंगे। दोनों तरह के 570 लॉजिस्टिक ड्रोन खरीदने के लिए रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (आरएफआई) जारी कर दिया है।
आरएफआई के अनुसार भारतीय सेना के लिए 570 लॉजिस्टिक ड्रोन के दो संस्करणों की परिकल्पना की गई है। यानी 12 हजार फीट तक तैनाती के लिए लॉजिस्टिक ड्रोन (एस) और 12-18 हजार फीट के बीच तैनाती के लिए लॉजिस्टिक ड्रोन (हाई एल्टीट्यूड) होंगे।भारतीय सेना को हवा या झोंके की स्थिति, बारिश या बर्फ आदि में संचालन की क्षमता वाले लॉजिस्टिक ड्रोन की जरूरत है। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों को खाद्य एवं रसद की आपूर्ति के लॉजिस्टिक कार्यों को पूरा करने के लिए लॉजिस्टिक ड्रोन की मांग है।
आरएफआई में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक लॉजिस्टिक ड्रोन में एक एरियल व्हीकल (एवी), एक मैन पोर्टेबल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (एमपीजीसीएस), एक रिमोट वीडियो टर्मिनल (आरवीटी), एक कलर डे वीडियो कैमरा, मोनोक्रोमैटिक नाइट थर्मल सेंसर और अतिरिक्त बैटरी का एक सेट होना चाहिए। इसके अलावा कलर डे वीडियो कैमरा, मोनोक्रोमैटिक नाइट थर्मल सेंसर को छोड़कर ड्रोन के लिए भार वहन क्षमता की सीमा होनी चाहिए।
दरअसल, 2021 में शुरू की गई भारत की ड्रोन उदारीकरण नीति का उद्देश्य ड्रोन के वाणिज्यिक और औद्योगिक उपयोग में तेजी लाना है। सरकार लास्ट-माइल लॉजिस्टिक्स में अक्षमताओं से निपटने के लिए लॉजिस्टिक्स ड्रोन तकनीक की ओर रुख कर रही है, क्योंकि यह परिचालन लागत को नियंत्रित करने के साथ ही ट्रैफ़िक की बाधाओं को दूर कर सकती है। आपूर्ति सिस्टम को अधिक कुशल, निर्बाध और समय प्रभावी बनाने की जरूरतों को देखते हुए सेना ने भी ड्रोन सिस्टम पर ध्यान केन्द्रित किया है।