उत्तर प्रदेश

छद्म नाम से मिलने गए गृह मंत्रालय के एक कर्मचारी को अटल जी ने लगाई थी फटकार

बांदा, 16 अगस्त। इमरजेंसी के दौरान अटल जी हाउस अरेस्ट थे। जनसंघ से बांदा के सांसद राम रतन शर्मा के पुत्र अनिल शर्मा अपने एक दोस्त गृह मंत्रालय में सेक्शन ऑफीसर को लेकर अटल जी से घर पर मिलने गए। जब उन्हें पता चला कि जय सिंह के नाम से उनसे मिलने वाला व्यक्ति सेक्शन ऑफीसर स्वतंत्र जैन है, तो वह बहुत नाराज हुए। उन्होंने डांटते हुए कहा हम नेता हैं, हमें जेल जाने में कोई डर नहीं है। अगर तुम जेल गए तो तुम्हारी नौकरी चली जाएगी, तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।

इमरजेंसी के दौरान बांदा से जनसंघ के सांसद सांसद राम रतन शर्मा को भी जेल भेज दिया गया था। इसी दौरान उनके पुत्र अनिल शर्मा दिल्ली गए हुए थे, उस समय अटल बिहारी वाजपेयी को सरकार ने हाउस अरेस्ट कर लिया था। इस कारण उनसे मिलने वालों पर कड़ा पहरा लगा हुआ था।

अनिल शर्मा बताते हैं कि मेरी इच्छा थी कि अटल जी के दर्शन करूं। जब मैंने यह बात अपनी साथी उस समय गृह मंत्रालय में सेक्शन ऑफीसर रहे स्वतंत्र जैन से बताई तो वह भी मेरे साथ अटल जी से मिलने को तैयार हो गए। जब हम लोग उनके आवास के बाहर पहुंचे तो हम लोगों ने अपना अपना नाम बदल लिया। मैंने अपना नाम अनिल सिंह बताया जबकि स्वतंत्र जैन का नाम जयसिंह बताया गया। उनके आवास के बाहर तैनात पुलिस अधिकारी ने तलाशी लेने के बाद मिलने का कारण पूछा।

इस पर मैंने बताया कि बांदा के बबेरू क्षेत्र में जनसंघ के बड़े नेता जब्बर सिंह बहुत बीमार हैं और इस समय बिस्तर पर हैं और अंतिम सांसे गिन रहे हैं। मैं उनका पोता हूं। उनका संदेश अटल जी तक पहुंचाना चाहता हूं। मेरी बात सुनकर उन्होंने हमें अटल जी से मिलने की इजाजत दे दी।

जब हम लोग अटल जी से मिले और तब अपना असली परिचय दिया तब उन्होंने पिताजी राम रतन शर्मा का नाम सुना तो उनके हालचाल पूछे। इसके बाद उन्होंने मेरे साथ गए स्वतंत्र जैन के बारे में पूछा तो मैंने जवाब दिया कि यह गृह मंत्रालय में सेक्शन ऑफिसर हैं और आपसे मिलने के लिए नाम बदल कर आए हैं। इस पर वह बुरी तरह नाराज हो गए।

उन्होंने स्वतंत्र जैन को डांटते हुए कहा कि हम लोग नेता हैं। सरकार हमें जेल भेज रही है और हमारी निगरानी की जा रही है, ऐसे में तुम्हारा यहां आना बहुत गलत है। तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। ऐसा करने से तुम्हारी नौकरी भी जा सकती है। यह सुनकर मेरे साथी को गलती का एहसास हुआ।

उनसे मिलने के बाद जब हम वापस आने लगे। तब मैंने अटल जी से अनुमति मांगते हुए कहा कि मैं भी सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अपनी गिरफ्तारी देना चाहता हूं, पर उन्होंने मना कर दिया और कहा कि जो भी करना है अपने क्षेत्र में जाकर करना यहां करना सही नहीं रहेगा।

अनिल शर्मा बताते हैं कि भारत रत्न तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति बुंदेलखंड में बहुत सम्मान रहा। 1974 में अटल जी बांदा आए थे और रामलीला मैदान में उनकी विशाल जनसभा हुई थी। राम रतन शर्मा (अब स्वर्गीय) उस समय सांसद थे। अटल जी बेहद सरल स्वभाव के थे।

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