नई दिल्ली, 03 अक्टूबर। दिल्ली सरकार अपने स्कूलों के शिक्षकों को वर्ल्ड-क्लास एक्सपोजर देने की श्रृंखला में 30 स्कूल प्रमुखों व शिक्षा अधिकारियों की टीम को आठ दिवसीय स्पेशल लीडरशिप ट्रेनिंग के लिए कैंब्रिज भेज रही है। कैंब्रिज यात्रा से पूर्व शिक्षकों के इस दल से सोमवार को उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने मुलाकात की। इस मौके पर प्रमुख शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा व अतिरिक्त शिक्षा निदेशक रीता शर्मा भी उपस्थित रही।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार कैंब्रिज में हर साल अपने स्कूल प्रमुखों के समूहों को विशेष नेतृत्व प्रशिक्षण के भेजती है। अब तक लगभग 400 स्कूल प्रमुख इस ट्रेनिंग में भाग ले चुके हैं। इसी क्रम में यह इस साल का दूसरा ग्रुप है जो 10 अक्टूबर से कैंब्रिज में अपनी ट्रेनिंग शुरू करेंगे।
इस मौके पर शिक्षामंत्री ने स्कूल प्रमुखों को प्रेरित करते हुए कहा कि, “हमारे स्कूलों के स्कूलों प्रमुख और शिक्षक दिल्ली शिक्षा क्रांति के ध्वजवाहक हैं और इनके काम की आज दुनिया भर में प्रशंसा हो रही है। हमारे शिक्षकों की कड़ी मेहनत और प्रयासों के कारण ही अब अभिभावक मजबूरी में नहीं बल्कि मंजूरी के साथ अपने बच्चों के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों को चुन रहे है। और यह सब हमारे स्कूलों को लीड करने वाले स्कूल प्रमुखों को स्पेशलाइज्ड प्रोफेशनल ट्रेनिंग और विश्वस्तरीय एक्सपोजर प्रदान करने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विजन से संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि, इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ हमारा उद्देश्य अपने स्कूल प्रमुखों को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रणालियों से सीखने का अवसर प्रदान करना है।”
स्कूल प्रमुखों की कैंब्रिज की आगामी यात्रा का मुख्य आकर्षण होगा मिनी रिसर्च प्रोजेक्ट
कैंब्रिज में 8 दिन के प्रशिक्षण के दौरान, स्कूल प्रमुखों को उन शिक्षा विशेषज्ञों से मिलने का अवसर मिलेगा जो यूके में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव का नेतृत्व कर रहे हैं। वे तीन स्थानीय शिक्षा संस्थानों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों से भी मुलाकात करेंगे ताकि यह समझ सकें कि कैसे यूके में शिक्षा नीतियों को प्रभावी ढंग से कैसे लागू किया जा रहा हैं और यूके के स्कूलों में कौन से इनोवेटिव टीचिंग प्रैक्टिसेज को अपनाया जा रहा है। दिल्ली सरकार के स्कूल प्रमुख विजिट के अपने इन अनुभवों को दिल्ली के शिक्षा मॉडल से जोड़ने का काम करेंगे।
इसके साथ ही स्कूल प्रमुख एक “मिनी रिसर्च प्रोजेक्ट” पर भी काम करेंगे। इसमें वे शिक्षा के क्षेत्र के अपने किसी खास विषय या फिर एक प्रॉब्लम स्टेटमेंट पर काम करते हुए उसपर रिसर्च करेंगे। इस मिनी रिसर्च प्रोजेक्ट का उद्देश्य स्कूल प्रमुखों को यह पहचानने में मदद करना है कि कैसे यहां मौजूदा चुनौतियों पर काम करते हुए दिल्ली सरकार के स्कूलों के पारिस्थितिकी तंत्र को और बेहतर बनाया जा सकता है।