खादी जीवन जीने का एक तरीका : सूर्य प्रताप शाही
देवरिया, 02 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर भाजपा द्वारा चलाए जा रहे सेवा पखवाड़ा के तहत रविवार को भाजपा जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने खादी वस्त्र खरीद कर लोगों को खादी के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि खादी केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है।
कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही तथा बरहज विधायक दीपक मिश्र शाका ने सुभाष चौक स्थित गांधी आश्रम भवन से खादी के कपड़ों की खरीदारी किया। इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा सत्य और अहिंसा का विश्व को पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधी एक व्यक्ति नहीं थे, वे एक विचार थे। ऐसे विचार जिन्हें शब्दों में नही बांधा जा सकता। 1918 में महात्मा गांधी ने भारत के गांवों में रहने वाले गरीब जनता के लिए राहत कार्यक्रम के रूप में खादी के लिए अपना आंदोलन शुरू किया। कताई और बुनाई को आत्मनिर्भरता और स्वशासन की विचार धारा के रूप में उभार आया। ये उनका प्रयास था। उनका मानना था प्रत्येक गाँव सूत के लिए अपने स्वयं के कच्चे माल को रोपेगा और काटेगा, प्रत्येक महिला और पुरुष कताई में संलग्न होंगे और प्रत्येक गाँव अपने उपयोग के लिए जो कुछ भी आवश्यक होगा, बुनेगा। गांधी ने इसे विदेशी सामग्रियों पर निर्भरता के अंत के रूप में देखा और इस तरह उन्होंने पहला सबक या वास्तविक स्वतंत्रता दी।
मंत्रियों ने गांधी प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
सेवा पखवाड़ा के तहत गांधी जयंती के अवसर पर कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही और प्राविधिक शिक्षा,उपभोक्ता संरक्षण एवं बाट माप विभाग मंत्री आशीष पटेल ने नगर पालिका परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। इस दौरान मंत्रियों ने महात्मा गांधी के बारे में बताया कि महात्मा गांधी के पास अद्भुत नेतृत्व क्षमता थी। उनसे प्रभावित होकर लोग आजादी की लड़ाई से जुड़ते रहे। उन्होंने अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व व विचारों से स्वतंत्रता आंदोलन को धार दी। महात्मा गांधी समाज में फैली बुराइयों जैसे छुआछूत, शराब, जातीय भेदभाव, असमानता, महिलाओं के साथ भेदभाव के भी घोर विरोधी थे।
इस दौरान जीवनपति त्रिपाठी, अम्बिकेश पाण्डेय, नवीन शाही, अभिषेक राय, एडवोकेट अमित कुमार दूबे, मनोज भारती, परशुराम शर्मा, धीरज मिश्र, रणधीर सिंह गोलू, हेमंत पाठक, कौशल सिंह, हरिशंकर पटेल, नन्द किशोर पटेल, संजय सिंह पटेल आदि उपस्थित रहे।