हरियाणा

महर्षि कश्यप ने समाज को परोपकारी, धर्म नीति पर चलने का दिया संदेश : ललित पंवार


-युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष ललित पंवार ने हनुमान नगर में आयोजित महर्षि कश्यप जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित भंडारे में की शिरकत
 सोनीपत। युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष ललित पंवार ने कहा कि महर्षि कश्यप नीतिप्रिय थे, वे स्वयं भी धर्म-नीति के अनुसार चलते थे और दूसरों को भी इसी नीति का पालन करने का उपदेश देते थे। महर्षि कश्यप जी ने अधर्म का पक्ष कभी नहीं लिया। आज हमे उनके दिखाए मार्ग पर चलकर युवाओं के बीच प्रसार-प्रचार करने की जरूरत है, ताकि युवा पीढी उनके मार्ग का अनुसरण कर समाज कल्याण में अपना योगदान दे। जिलाध्यक्ष ललित पंवार हनुमार नगर नगर स्थित मुख्य चौपाल में महर्षि कश्यप जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित 15वें विशाल भंडारे में शिरकत करने के उपरांत क्षेत्रवासियों को संबोधित कर रहे थे, इससे पहले उन्होंने भगवान महर्षि कश्यप को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।  
जिलाध्यक्ष ललित पंवार ने क्षेत्रवासियों को महर्षि कश्यप जी की जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि  महर्षि कश्यप प्राचीन वैदिक ॠषियों में प्रमुख ॠषि थे। इनका उल्लेख ॠग्वेद में भी हुआ है। इनकी गणना सप्तऋषि गणों में की जाती थी। हिन्दू मान्यता अनुसार इनके वंशज सृष्टि के प्रसार में सहायक हुए है। इन्हें परमपिता ब्रह्मा जी का अवतार माना गया है, महर्षि कश्यप  द्वारा संपूर्ण सृष्टि की सृजना में दिए गए महायोगदान की यशोगाथा हमारे वेदों, पुराणों, स्मृतियों, उपनिषदों एवं अन्य अनेक धार्मिक साहित्यों में है, जिसके कारण उन्हें सृष्टि के सृजक उपाधि से विभूषित किया जाता है। उन्होंने कहा कि विधायक सुरेंद्र पंवार द्वारा मुरथल जीटी रोड से सोनीपत तक मार्ग को महर्षि कश्यप मार्ग रखने का पत्र भी नगर निगम आयुक्त को भेजा हुआ है, जल्द ही इसे पास करवाकर इस मार्ग का नामकरण महर्षि कश्यप मार्ग रखवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि महर्षि कश्यप पिघले हुए सोने के समान तेजवान थे।  महर्षि कश्यप ऋषि-मुनियों में श्रेष्ठ माने जाते थे।  मुनिराज कश्यप का आश्रम मेरू पर्वत के शिखर पर था, जहां पर वे ब्रह्म जी के ध्यान में मग्न रहते थे। महर्षि कश्यप राग-द्वेष रहित, परोपकारी, चरित्रवान और प्रजापालक थे। वे निर्भीक एवं निलोर्भी थे। कश्यप मुनि जी निरन्तर धर्मोपदेश करते थे, जिनके कारण उन्हें महर्षि जैसी श्रेष्ठतम उपाधि हासिल हुई। उन्हीं की कृपा से ही राजा नरवाहनदत्त चक्रवर्ती राजा की श्रेष्ठ पदवी प्राप्त कर सका। हमें आज गर्व है कि हम ऐसे महार्षि के वंशज जिन्होंन हमेशा समाज को परोपकारी, धर्म नीति पर चलने का संदेश दिया। आज हमे उनके दिखाए मार्ग पर चलकर उनके सिद्धांतों को युवाओं के बीच प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है ताकि आज की पीढ़ी भी उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण कर समाज के विकास में योगदान दे। इस दौरान राजबीर सिंह कश्यप, धर्मपाल, डॉ धर्मवीर, डॉ प्रवीन कश्यप, ऋषिपाल, विक्की, विकास, संदीप, जयभगवान, जगबीर सिंह, प्रवीन कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन
जिलाध्यक्ष ललित पंवार महर्षि कश्यप जी को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन करते हुए।

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