नीमका जेल में बंद विचाराधीन कैदी की अस्पताल में मौत, परिजनों का हंगामा
फरीदाबाद
फरीदाबाद की नीमका जेल में पिछले सात माह से बंद विचाराधीन कैदी गोल्डी (21) की मंगलवार को एक अस्पताल में रहस्यमय हालात में मौत हो गई। गोल्डी के परिवारवालों ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप जड़ा है। बेटे की मौत से गुस्साये परिवार के सदस्यों ने सेक्टर-16ए स्थित मेट्रो अस्पताल के सामने धरना-प्रदर्शन किया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की है, लेकिन उनका कहना है कि वह तभी यहां से जाएंगे जब न्याय मिलेगा। बताया गया है कि बल्लभगढ़ की श्याम कालोनी में सात महीने पहले दो पक्षों के बीच झगड़ा हुआ था। इस झगड़े में गोल्डी को भारतीय दंड विधान की धारा 307 के तहत गिरफ्तार किया गया था। वह तब से जेल में बंद था।
परिवार का कहना है कि गोल्डी बिल्कुल स्वस्थ था।अब डाक्टर बता रहे हैं कि वह एचआईवी पॉजिटिव था। उसकी किडनी और लंग्स फेल हो गए। इस वजह से उसकी मौत हुई। परिवार का कहना है कि जेल प्रशासन ने उनके विरोधी पक्ष के साथ मिलकर गोल्डी की हत्या कराई। मिलाई के समय गोल्डी कहता था कि उसके साथ जेल में खराब बर्ताव होता है। गोल्डी की बीमारी को लेकर याचिका भी दायर की गई थी। 22 अप्रैल को कोर्ट ने जेल प्रशासन को गोल्डी का इलाज करवाने की हिदायत दी थी।
परिवार का आरोप है कि जेल प्रशासन 25 अप्रैल को उसे चोरी-छुपे बीके ले गए। वहां से उसे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली रेफर किया गया। डाक्टरों ने हालत गंभीर देख उसे एडमिट करने को कहा। मगर पुलिस ओपीडी में दिखाने की बात कहकर उसे बीके ले गई। हालत गंभीर होने पर आज उसे मेट्रो अस्पताल में दाखिल कराया गया। वहां 5-6 घंटे के इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। जेल प्रशासन का कहना है कि आरोपों की जांच कराई जाएगी।