बांदा नाव हादसा: चौबीस घंटे बाद भी लापता लोगों नहीं चला पता, तलाश जारी
बांदा, 12 अगस्त। चौबीस घंटे गुजर जाने के बाद भी युमना नदी में पलटी नाव में सवार लापता लोगों अब तक पता नहीं चल सका है। अपनों को खो चुके लोगों का गुस्सा शासन-प्रशासन पर फूट रहा है। अपनों को खोने वाले अब तक लाशें न मिलने से अधिकारियों को कोस रहे हैं। मौके पर मौजूद उप्र के दो मंत्री और एक केंद्रीय मंत्री पीड़ितों को सिर्फ दिलासा दे रहे हैं।
एनडीआरएफ व एसटीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम भी नदी में लापता लोगों को बढ़े हुए जलस्तर के चलते खोज पाने में नाकाम हो रही हैं। सिर्फ चार लाशें मिलने के बाद अभी भी 17 से 20 लोगों के लापता होने का अनुमान लगाया जा रहा है। गुरुवार को जिले के मरका थाना क्षेत्र में नाव दुर्घटना हुई थी।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को फतेहपुर के तरफ से मरका की ओर आ रही 50 सवारियों से भरी नाव तेज हवाओं के कारण पतवार टूटने से यमुना नदी में डूब गई थी। इसमें 15 लोगों को बचा लिया गया था और चार लोगों की लाशें बरामद हुई हैं। इस बड़ी दुर्घटना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य मंत्री रामकेश निषाद और कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को घटनास्थल पर भेजा है और निर्देश दिए हैं कि मृतकों के परिजनों को सरकार की ओर से चार-चार लाख की सहायता दी जाए। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी मौके पर पहुंच गई हैं जो शुक्रवार को रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेती रही।
इस दौरान 24 घंटे गुजर जाने के बाद भी अब तक एनडीआरएफ सहित जल सेना और स्थानीय गोताखोरों द्वारा एक भी लाश बरामद नहीं की गई जिससे अपनों को खो चुके लोगों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। मंत्रियों के सामने अपनों को खोने वाले लोग नाराजगी जाहिर करते दिखाई पड़े और मंत्री नाराज लोगों को दिलासा देते रहें।
इस बीच मंत्री राकेश सचान ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा हमें यहां भेजा गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, इस बात का पूरा प्रयास किया जा रहा है कि जो हादसे में लापता हुए हैं उनका पता लगाया जाए। इस समय यमुना नदी में बाढ़ है अगर नदी में बहे लोगों का पता नहीं चल पाता है तो जो लोग नाव में सवार थे, जिनका सत्यापन सही पाया जाएगा उन्हें भी सरकार द्वारा चार-चार लाख का मुआवजा दिया जाएगा।