आरएसएस स्वयंसेवकों ने मनाया विजयदशमी उत्सव और संघ स्थापना दिवस, शस्त्र पूजा की
वाराणसी,06 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस),काशी महानगर ने 30 से अधिक स्थानों पर विजयदशमी उत्सव और संघ स्थापना दिवस मनाया। शस्त्र पूजन के साथ शहर में पथ संचलन किया गया। आशापुर स्थित एक बैंक्वेट हॉल में नागपुर मुख्य कार्यक्रम का लाइव प्रसारण स्वयंसेवकों ने देखा। इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता प्रांतीय संपर्क प्रमुख दीनदयाल ने कहा कि नई पीढ़ी को हिन्दू धर्म, पर्व.त्यौहारों के सामाजिक महत्व को वैज्ञानिकता के साथ समझाने की जरूरत है, जिससे हर पीढ़ी अपनी संस्कृति को आत्मसात कर सके। विजयदशमी सिर्फ शुभकामनाओं का पर्व मात्र नहीं है । विजयदशमी का विशेष महत्व है यह विजय का दिन है। इस दिन जिस कार्य को शुरू किया जाता है उसमें अवश्य विजय मिलती है। इसी महत्व को केंद्र में रख कर विजयादशमी के ही दिन 27 सितंबर 1925 को सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्र में देशभक्ति के लिए प्रचंड, प्रखर प्रवाह हेतु राष्ट्रहित में एक चिंतन मनन कर्तव्यनिष्ठ तथा ध्येयनिष्ठ संस्था की स्थापना करते हैं। जिसे हम सभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रूप में जानते हैं । प्रांतीय सम्पर्क प्रमुख ने कहा कि विजयोत्सव विजयदशमी के रूप में समग्र भारतवर्ष में मनाया जा रहा है। जहां एक तरफ पूरे भारत में एक असत्य का मायाजाल बुना जा रहा है। वहीं ,हम सभी सनातनियों ने अपने-अपने परिवारों में शक्ति की उपासना की है। शक्ति की उपासना देश के अंदर बुराइयों को समाप्त करने के लिए,सामाजिक कलह. विद्वेष को दूर करने के लिए, जातीय भेदभाव को हमेशा -हमेशा के लिए समाप्त करने एवं सामाजिक समरसता को स्थापित करने के लिए पूरे देशवासियों ने शक्ति की उपासना की है । कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सैनिक ओमप्रकाश ने की। काशी उत्तर भाग के संघचालक डॉ. हेमन्त गुप्ता भी मंच पर मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन गौतम नगर कार्यवाह विनोद, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राहुल ने दिया। इस दौरान विभाग प्रचार प्रमुख अमित गुप्ता, नंदलाल पाण्डेय, सोनू, उमेश, आदि भी मौजूद रहे।