पिछले 2 सालों से बच्चों को किताबें, ड्रेस मुहैया नहीं कर रही भाजपा शासित एमसीडी
नई दिल्ली, 18 अगस्त। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दुर्गेश पाठक ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि देश में ‘शिक्षा का अधिकार’ को लेकर एक बहुत बड़ा आंदोलन चला। सिविल सोसाइटीज, एनजीओ और शिक्षकों ने बहुत समय तक आंदोलन चलाया कि हिंदुस्तान में हर बच्चे को शिक्षा का मौलिक अधिकार मिलना चाहिए। बड़ी मुश्किलों के बाद 2010 में यह बिल पास हुआ कि हर बच्चे को शिक्षा मिले इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की ड्रेस, स्टेशनरी, किताबें आदि भी सरकार ही देगी। हिंदुस्तान की लगभग सभी सरकारें यह काम कर रही हैं लेकिन भाजपा शासित एमसीडी इस पूरे बिल का बड़ी बेशर्मी से उल्लंघन कर रही है।
उन्होंने कहा कि आज लगभग 10 लाख बच्चे एमसीडी के स्कूलों में पढ़ते हैं लेकिन वह बच्चे अपनी ड्रेस, किताबों और स्टेशनरी के लिए तरस रहे हैं। अगस्त का महीना चल रहा है, स्कूल खुले हुए काफी समय हो गया है लेकिन अभी तक एमसीडी ने बच्चों को मूलभूत चीजें भी उपलब्ध नहीं कराई हैं।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमसीडी के स्कूलों में दिल्ली का सबसे गरीब तपका पढ़ने जाता है। उन लोगों के पास इतने पैसे नहीं होते है कि खुद के लिए किताबें, ड्रेस आदि चीजें खरीद पाएं। पिछले दो साल से एमसीडी बच्चों को स्टेशनरी, किताबें, ड्रेस आदि मुहैया नहीं करा रही है। दिलचस्पी की बात यह है कि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि इनसब चीजों पर एमसीडी पूरा पैसा खुद से लगाती है। इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार भी पैसा देती है। हर जगह से मदद मिलने के बावजूद एमसीडी बच्चों तक जरूरत की चीजें नहीं पहुंचा रही है। इसका मतलब है कि इसमें कुछ बड़ी गड़बड़ चल रही है।
भाजपा से प्रश्न करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि अगस्त का महीना है और बच्चों को अभीतक जरूरत की चीजें क्यों नहीं मिली हैं? इसका जो भी पैसा केंद्र सरकार और राज्य सरकार से आता है वह सारा पैसा कहां जा रहा है ? भाजपा का कौन सा अधिकारी या नेता यह पैसा खा रहा है ? आम आदमी पार्टी इस पूरे मामले की जांच की मांग करती है।