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नींबू ड्रोन छत पर मंडराए–रामविलास जांगिड़

मामला अच्छा-खासा ऑनलाइनी हो लिया है। हीरा बाजार के मेगा मॉल शोरूम में नींबू आराम फरमा रहे हैं। कमबख्त खरीददार! इनको बहुत परेशान कर रहे हैं। सब ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं। सब एसी के अंदर डबल-बेड लगाकर खर्रांटे ले रहे हैं। खिड़कियों से चिपटे अड़े मोबाइल के मजे ले रहे हैं। नींबू और नेता दोनों के भाव बढ़ रहे हैं। ऑफसीजन में यही होता है। नेता हमेशा से ही नींबू के मुकाबले ज्यादा बिकाऊ हो लिया है। आलू-प्याज अड़े हैं। नेता बिकने के लिए हर चौराहे पर खड़े हैं। सारे नींबू ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं। नेताजी ऑनलाइन, ऑफलाइन, बेलाइन हर तरह से बिक रहे हैं। गली का भिखारी भी अपने बोरे में एक-आध नेता लिए पड़ा है। सामने एक सेल्समैन दिखाई पड़ रहा है, जो भारी भरकम लगेज बोरे के भीतर चमकीले-दमकीले पैकेट में इठलाते नींबू का जोड़ा सीधे जांगिड़ सर के घर पहुंचा रहा है। दिल्ली से अजमेर तक! कुम्हारिया से गुवाड़िया तक सब ऑनलाइनी हो लिया है। गोभी, कद्दू, टमाटर, केले! सरकारी योजना, कवि, नेता, अफसर, चमचे, झमेले …! सब बिक रहे हैं ऑनलाइन फर-फर। जैसे कोई मंत्री बिकता हो किसी रिसॉर्ट में, मुख्यमंत्री की लालसा में! दसों दिशाओं में ऑनलाइनी बवंडर अपनी रफ्तार से सबको चपेट में ले रहा है। हर गांव-ढाणी तक नेता-अफसर ऑनलाइन बिकने के लिए तैयार खड़े हैं। बड़ा ही चकाम-चक सीन दिखाई पड़ रहा है। महंगाई की कविताओं के कवि नींबुओं की ऑनलाइन कविबाजी फरमा रहे हैं। बिजली कटौती में इतने कवि पैदा हुए हैं, जितने बरसात में मेंढ़क भी नहीं होते! इधर मेंढ़कों ने कवि से तुलना करने पर गहरी आपत्ति जताई है! 
ऑनलाइन प्रेम, प्यार, लफड़ा, झगड़ा, सम्मेलन सब कुछ हुआ जा रहा है। ऑनलाइन प्यार हुआ और अब ऑनलाइन शादी की रस्म अदायगी भी। शादी ऐप पैकेज व पैकेट ऑनलाइन मिल रहे हैं। बिल्कुल यंत्रवत! खोला। देखा। शादी का कार्ड और उसमें दर्ज एक विशेष मोबाइल ऐप। जिसे डाउनलोड करके शादी की रस्म अदायगी का अपूर्व अवसर। उसमें खाने का मीनू, आशीर्वाद के तरीके, एंजॉयमेंट के तरीके, डांसियाने का फोर्मेट और न जाने क्या-क्या ! बस आपने उसमें पांच सौ रुपये का आशीर्वाद केटीएम किया। तुरंत ही धन्यवाद के रेप सॉन्ग बजने लग गए। सीन यह है कि ये सब कार्यक्रम आप मजे से बाथरूम सीट पर बैठे-बैठे कर रहे हैं। फिर बाथरूम सीट पर बैठे-बैठे ही अपने मनपसंद भोजन का ऑर्डर भी दे रहे हैं। ऑनलाइन शादी का मजा ही कुछ और है! आगे के ऑप्शन में आपको खाने के लिए ऑर्डर प्लेस करना होगा। अगर पांच सौ रुपये आशीर्वाद में दिए तो दो जनों के लिए खाना। हजार रुपये दिए तो चार जनों के लिए। मीनू दर मीनू खुलते जा रहे हैं। बस आप क्लिकियाते रहिए! टचियाते रहिए मोबाइल को। ऑनलाइन का मोबाइल प्लेटफॉर्म! थोड़ी ही देर में आपकी छत पर ड्रोन मंडरा रहा होगा। अब आपको यह करना कि सीधा बाथरूम में बैठे-बैठे ही छत पर मंडराते ड्रोन को अपना ओटीपी  बताना होगा। चाहे तो यह ओटीपी आप नहाते हुए भी बता सकते हैं। या फिर पलंग पर लेटे-लेटे भी! बस यह लीजिए शादी का डिनर घर पर हाजिर! बस हो गई ऑनलाइन शादी! फिलहाल नींबू ड्रोन छत पर मंडरा रहा है। बीवी बरसों से नींबू की फरमाइश कर रही है। बीवी को खुश करने का इससे बढ़कर और कोई मौका नहीं हो सकता!
— रामविलास जांगिड़, 18, उत्तम नगर, घूघरा, अजमेर (305023) राजस्थान

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