हरियाणा में हर जिले की तय होगी रेटिंग
पिछड़े खंडों के विकास को बनेगी अलग योजना
चंडीगढ़, 5 सितंबर। हरियाणा में हर जिले की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए राज्य सरकार नया तंत्र विकसित करने जा रही है। जल्द ही इस नई योजना को लागू किया जाएगा, जिससे हर जिले में खंड स्तर और शहरी स्थानीय निकाय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। मूल्यांकन में जो भी खंड या स्थानीय निकाय प्रगति में पिछड़े पाए जाएंगे, उनमें विशेष फोकस कर उन्हें भी विकास के नाते से आगे बढ़ाया जाएगा।
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सोमवार को इस संबंध में विकास एवं पंचायत तथा शहरी स्थानीय निकाय विभागों के साथ बैठक की। कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी 10 दिनों में फ्रेमवर्क तैयार किया जाए। इसके अलावा, जिला उपायुक्तों व अन्य संबंध विभागों के साथ भी बैठकें कर फ्रेमवर्क तैयार करने के संबंध में सुझाव मांगे जाएं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम की तर्ज पर राज्य के सभी खंडों और शहरी स्थानीय निकायों के मध्य भी एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाना चाहिए।
इससे एक ओर जहां विकास के मामले में पीछे चल रहे खंडों और निकायों के बारे में जानकारी मिलेगी, वहीं इनमें प्रतियोगिता की भावना भी पैदा होगी, जिससे सभी अपने क्षेत्र में बेहतर तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे।
कौशल ने कहा कि इस नई पहल से राज्य सरकार का उद्देश्य हर उस क्षेत्र की पहचान करना है, जो विकास के मामले में कहीं पीछे चल रहा है, ताकि उसे सुदृढ़ कर उसे भी विकास यात्रा में जोड़ा जा सके।
बैठक में जो खंड जिस मापदंड में विकास गति में धीमे पाए जाएंगे, उनमें विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके लिए लगभग 10 मापदंड चिह्नित किए गए हैं। प्रारूप को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।