क्खों के नौवें गुरू श्री गुरु तेग बहादुर जी ऐसे धर्मयोद्धा महान विचार आध्यात्मिक व्यक्तित्व के धनी व राष्ट्र प्रेमी थे : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
चण्डीगढ़
सिक्खों के नौवें गुरू श्री गुरु तेग बहादुर जी ऐसे धर्मयोद्धा महान विचार आध्यात्मिक व्यक्तित्व के धनी व राष्ट्र प्रेमी थे, जिन्होंने धर्म, मातृ भूमि और जनता के अधिकारों के रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। इसलिए उन्हें हिंद दी चादर का ताज पहनाया गया। यह बात हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने गुरुवार को श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व पर जारी अपने संदेश में कही।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि आज श्री गुरु तेग बहादुर जी के जन्म दिवस पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है। आजादी के 75 वें वर्ष में पूरे देश में आजादी के अमृत महोत्सव आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने 17वीं शताब्दी में ही धर्म की आजादी के लिए शहादत देकर प्रत्येक देशवासी के दिलों-दिमाग में निडरता से आजाद जीवन जीने का बीज बो दिया था।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि श्री गुरू तेग बहादुर जी के बलिदान व शहादत की कोई बराबरी नहीं है। पूरी दुनिया को ऐसे बलिदानियों से प्रेरणा मिलती है, जिन्होंने जान दे दी परंतु सत्य-अहिंसा का मार्ग नहीं छोड़ा।
गुरु तेग बहादुर जी ने कहा था कि धर्म एक मजहब नहीं, धर्म एक कर्तव्य है। आदर्श जीवन का रास्ता है। आज हमारे लिए गुरु जी की शिक्षाएं, त्याग, बलिदान एक धरोहर हैं। इस धरोहर को बचाने व सहेज कर रखना ही गुरू जी के प्रति सच्ची श्रद्धा होगी।
आज की युवा पीढ़ी को जरूरत है कि वे ऐसे युग-पुरूष श्री गुरू तेग बहादुर जी के जीवन चरित्र व बलिदान से प्रेरणा लेकर मानवीय एवं नैतिक मूल्यों के साथ जीवन में संस्कारों को ग्रहण कर आगे बढ़े जिससे देश फिर से विश्व गुरू कहलाएगा।