प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रथम प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा का पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया।
क्राउन सिटी पार्टी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से संगीता बहन ने बतौर मुख्यवक्ता शिरकत की और ब्रह्माकुमारी बहनों को मातेश्वरी जगदम्बा के जीवन से परिचित करवाया। साथ ही उन्होंने योग दिवस की भी शुभकामनाएं दी और योग महत्व के बारे में भी बताया।
मंगलवार की सुबह प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय घरौंडा की ओर से क्राउन सिटी पार्क में आयोजित पुण्य स्मृति दिवस कार्यक्रम की शुरूआत मातेश्वरी जगदम्बा जी के चित्र पर पुष्पार्पित करके की। कार्यक्रम में नीलोखेडी से बहन संगीता बतौर मुख्यवक्ता पहुंची। जिन्होंने मातेश्वरी जगदम्बा के जीवन वृतांत से परिचित करवाया। वहीं घरौंडा सेंटर की इंचार्ज रेनू बहन ने भी माताओं, बहनों व भाईयों को प्रवचन दिए। संगीता बहन व रेनू बहन ने कहा कि मातेश्वरी जगदम्बा गुणों की खान थी। उन्होंने समस्त आत्माओं को अपने स्नेह से सींचा और सभी आत्माओं को अपने जीवन से प्रेरणा दी। ब्रह्मा बाबा भी कहते थे कि मातेश्वरी जगदम्बा ज्ञान की देवी है। वे भगवान के एक एक शब्द व महावाक्य को ध्यान से सुनती थी और अपने जीवन में धारण करती थी। इसके साथ ही दूसरों को भी इसी ज्ञान से परिचित करवाती थी। मातेश्वरी ने किसी भी व्यक्ति की कमजोरियों को अपने चित्त पर नहीं रखा। कैसी भी परिस्थितियां आई हो, लेकिन मातेश्वरी कभी विचलित नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मातेश्वरी के शब्द सदा हमें याद रहेंगे। मातेश्वरी का स्लोग्न था-हुकमी हुकम चला रहा है, बस वो चला रहा है और हम चल रहे है। दूसरा स्लोग्न था-अब घर जाना है और अंतिम घड़ी को अंतिम घड़ी समझकर चलो। आज सभी ने मातेश्वरी के महावाक्य प्रेम से सुने है। मातेश्वरी ने कहा था कि मनुष्य के दुखों का कारण उसके खुद के कर्म है, परमात्मा किसी को दुख नहीं देता। इसलिए अच्छे कर्म करते जाईये।
बाइट-1 रेनू बहन, संचालिका घरौंडा सेंटर