उत्तर प्रदेश

आश्रम पद्धति विद्यालय के बच्चों को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज नयी तकनीकी के लिए कर रहा तैयार

-विभागीय मंत्री ने हेल्प लाइन नम्बर और वेब साइड का किया उद्घाटन

-टीसीएस के 35 शिक्षकों को समाज कल्याण विभाग ने किया सम्मानित

लखनऊ, 05 सितम्बर। अवसर की समानता के मूल मंत्र को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार निर्बल वर्ग के बच्चों को बेहतर आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के लिए लगातार कार्य कर रही है। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित आश्रम पद्धति विद्यालय (एटीएस) के शिक्षकों एवं बच्चों के लिए इस वर्ष का शिक्षक दिवस कुछ ख़ास रहा। छत्रपति साहू जी महाराज शोध संस्थान, भागीदारी भवन में 10वीं व 12वीं में अच्छे रिज़ल्ट देने वाले एटीएस के 35 शिक्षकों को पहली बार समाज कल्याण विभाग के मंत्री असीम अरुण द्वारा सम्मानित किया गया।

एटीएस के बच्चों को तकनीकी व रोज़गार परक शिक्षा कैसे प्रदान की जाए, इसके लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का समाज कल्याण विभाग के साथ तीन वर्ष का अनुबंध हुआ। टीसीएस द्वारा अभी 10 एटीएस के 30 शिक्षकों को कंप्यूटशेनल थिंकिंग ( जटिल समस्याओं को सरल रूप में रूपांतरित कर समाधान करना) का प्रशिक्षण प्रदान कर मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया गया है। इस मौक़े पर समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव गोंड़ भी उपस्थित रहे।

कंप्यूटशेनल थिंकिंग के माध्यम से एटीएस के बच्चों को बताया जाएगा कि कैसे जटिल सवालों को आसानी से हल किया जाए। टीसीएस के सहयोग से बच्चों को उनकी अभिरुचि के आधार पर रोज़गार परक शिक्षा प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम में समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण द्वारा राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों के लिए वेब साइट और हेल्प लाइन नम्बर 9621650062 का उद्घाटन किया गया। वेब साइट पर समस्त 94 विद्यालयों से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी। इस पर समस्त आवासीय व शैक्षणिक सुविधाओं की जानकारी के साथ प्रवेश सम्बन्धी सम्पूर्ण जानकारी होगी। वेब साइट पर समस्त विद्यालयों के प्रभारी/प्रधानाचार्य के सम्पर्क नम्बर व मेस आदि की भी जानकारी उपलब्ध होगी। निदेशालय स्तर पर शुरू हुए हेल्प लाइन नम्बर पर अभिभावक, विद्यार्थी और शिक्षक अपनी समस्याएँ बता कर निराकरण करवा सकते हैं। कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग के सचिव समीर वर्मा, टीसीएस के प्रतिनिधि रवि कोहली सहित विभाग के कई अधिकारी उपस्थित रहे।

समाज कल्याण मंत्री असीम अरूण ने कहा कि एटीएस की आधारभूत संरचना जैसे भवन, स्मार्ट क्लास, रहने-खाने की व्यवस्था, हॉस्टल आदि को कैसे और बेहतर किया जाए, इस पर कार्य शुरू हो गया है। विद्यालयों के गुणवत्ता नियंत्रण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नियमों से आगे चल कर नवाचार विकसित करने वाले समूह की तरह हमें कार्य करना होगा।

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