हरियाणा

जिले में ठंड का छह साल का रिकार्ड टूटा, सबसे ज्यादा ठिठुरन झेल रहे जिलावासी

सोनीपत
पूरे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप देखने को मिला रहा है। जिला सोनीपत में छह साल का ठंड का जनवरी माह का रिकार्ड टूट गया। न्यूनतम और अधिकतम तापमान में अंतर कम रहने से लोगों को दिनभर कंपकंपी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार जनवरी में छह साल में सबसे ज्यादा ठंडा है। न्यूनतम तापमान कम रहने के साथ ही अधिकतम तापमान भी सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस नीचे है। ठंडी हवाओं के चलने और धुंध-कोहरे के कारण धूप नहीं निकलने से ठंडक बनी हुई है। मौसम विभाग ने अभी तीन दिन तक कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया है। ठंड के चलते लोग घरों पर दुबकने को मजबूर है।
जनवरी का तापमान  अधिकतम  न्यूनतम
2017 …………….. 25 ………. 04
2018 …………….. 27 ………. 06
2019 …………….. 28 ………. 05
2020 …………….. 23 ………. 03
2021 …………….. 24 ………. 01
2022 …………….. 23 ………. 06
2023 …………….. 14 ………. 03
ठंड में छोटे बच्चों व बुजुर्गो का रखे विशेष ध्यान-
मौसम परिवर्तन का असर सभी पर होता है, लेकिन इससे छोटे बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। उस पर दिन रात के तापमान में भी भारी अंतर दिख रहा है। ऐसे में सर्दी-जुकाम और गले में इंफेक्शन और छोटे बच्चों को कई तरह की दिक्कते होती है। नागरिक अस्पताल में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. अलकिृता के अनुसार सर्दियों में छोटे बच्चों को गर्म रखना आवश्यक है। ऐसा न होने पर वह बीमार पड़ सकता है। ठंड लगने पर बच्चों को सर्दी-जुकाम और खांसी की परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि बच्चों की सांस की नली संकरी होती है। ऐसे में बलगम जमने पर उन्हे सांस लेने में दिक्कत होती है। वहीं ठंड में बुजुर्गो का भी विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
इन बातों का रखें ध्यान-
-सफाई का रखें ध्यान: धूल, धक्कड़ और गंदगी से छोटे बच्चों को दूर रखें। इससे उन्हें सांस की समस्या के साथ दस्त भी हो सकते हैं। घर की सफाई का पूरा ध्यान रखें।
-नहलाना कम करें: छोटे बच्चों को रोज नहलाने के बजाय हर दूसरे दिन गर्म पानी में सॉफ्ट एंटीबैक्टीरियल लिक्विड डालकर उसमें नर्म तौलिया भिगोकर उनका शरीर साफ कर दें।
-गर्म कपड़े पहनाएं: जैसे ही मौसम बदले, बच्चे को गर्म कपड़े पहनाना शुरू कर दें। हल्की ठंड को नजरअंदाज न करें और बच्चे को हमेशा मोजे पहना कर रखें।
-गर्म तेल से करें मालिश : यूं तो मालिश बहुत जरूरी नहीं है, लेकिन यदि आप मालिश कर रहे है, तो इसके लिए गर्म तेल का प्रयोग करें।
-थोड़ी देर धूप में रखें: अगर आपके घर में धूप आती हो तो बच्चे को गर्म कपड़े पहनाकर थोड़ी देर के लिए धूप में रखें। उसे ताजी हवा और विटामिन-डी दोनों मिलेंगे।
-ठंडी चीजें खाने को न दें: अगर आपका बच्चा सात माह से अधिक का है और वह खाना खाता है, तो उसे ठंडी चीजें न खिलाएं। साथ ही उसे बासी खाना या ठंडा खाना भी न दें।
-बेहतर क्वालिटी के स्वेटर पहनाएं: स्वेटर हमेशा अच्छी क्वालिटी का पहनाएं, क्योंकि वूलन से कभी-कभी त्वचा में एलर्जी हो जाती है। 
शीतल लहर ने फसलों और मनुष्यों सबको किया परेशान-
शीतलहर के चलने से लोगों के साथ ही पशुओं और फसलों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। धूप नहीं निकलने से एक ओर जहां सरसों, आलू और सब्जी की फसलों को बचाने की चिंता बढ़ गई है। वहीं पाला गिरने से मटर-चना व दाल की फसलों में नुकसान हो सकता है। किसानों को खेतों में नमी बनाए रखने के सुझाव जारी किए गए हैं।वहीं तेज बफीर्ली हवाओं से लोगों के बीमार होने का खतरा है। विशेषज्ञों ने हवाओं के सीधे संपर्क में आने से बचने की सलाह दी है।
वर्जन
हाल के दिनों में बारिश के कोई आसार नहीं है। बारिश होने के बाद ठंड से राहत मिलने की उम्मीद है। बारिश होने के बाद पड़ने वाली ठंड फसलों के लिए लाभकारी होती है। वहीं सूखे में पड़ने वाली सर्दी से ज्यादा नुकसान होता है। बारिश होने से लोगों को भी सर्दी ज्यादा परेशान नहीं करती है। फिलहाल तीन दिन तक कोल्ड वेव का रेड अलर्ट है।

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