किसानों की आय बढ़ाने के लिए उद्यान विभाग देगा मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण
– निदेशक ने कहा, मधुमक्खी पालन का अनुपूरक कृषि उद्यम के रूप में है महत्वपूर्ण स्थान
लखनऊ, 06 सितम्बर। मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने व वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने के लिए उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग तीन माह का प्रशिक्षण देने जा रहा है। 16 सितम्बर से शुरू होने वाले इस प्रशिक्षण के लिए प्रयागराज, सहारनपुर और बस्ती का चयन किया गया है। शासन की मंशा है कि मधुक्खी पालन को वैज्ञानिक तरीके से कराकर किसानों की आय बढ़ाई जाय। यह एक अतिरिक्त आय का साधन भी है।
इस संबंध में निदेशक आर.के. तोमर ने बताया कि मधुमक्खी पालन अनुपूरक कृषि उद्यम के रूप में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खियां प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से किसानों के दैनिक जीवन से लेकर उनकी आर्थिक आय बढ़ोत्तरी में सहायक है। उन्होंने बताया कि मधुमक्खियों से शहद उत्पादन के साथ-साथ फसलों में घर-परागण से पौधों की जीवितता एवं उत्पादन में वृद्धि होती है तथा पर्यावरण संतुलन में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। किसानों की आय में वृद्धि के लिए कृषि के साथ-साथ अन्य ऐसे अनुपूरक व्यवसाय अपनाये जाने की आवश्यकता है, जिसमें कम भूमि एवं कम पूंजी की जरूरत हो। मधुमक्खी पालन को अनुपूरक कृषि उद्यम के रूप में अपनाकर कम पूंजी व कम समय में अधिक आय प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण विभाग द्वारा निःशुल्क प्रदान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण में भाग लेने वाले इच्छुक व्यक्तियों को अपने निकटतम सुविधा अनुसार संयुक्त निदेशक, औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र सहारनपुर, संयुक्त निदेशक औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र बस्ती एवं अधीक्षक राजकीय उद्यान, प्रयागराज से सम्पर्क कर निर्धारित प्रारूप पर 16 सितम्बर तक आवेदन कर मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में पुरुष एवं महिलाएं सभी वर्ग के अभ्यर्थी प्रतिभाग कर सकते हैं। इसके लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। आवेदन पत्र के साथ दो संभ्रान्त व्यक्तियों या राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रदत्त चरित्र प्रमाण-पत्र आवश्यक है। प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रशिक्षार्थियों को ठहरने एवं खाने आदि की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।